मेरी अपनी
मेरी अपनी
सुशील शर्मा
तुम्हारा चेहरा।
सूरजमुखी बगीचे में जैसे।
खिलखिलाता सबेरा।
तुम्हारी मुस्कान।
निर्दोष सा बचपन जैसे।
मिटाती थकान।
तुम्हारा समर्पण।
मेरे अस्तित्व पर।
सर्वस्व अर्पण।
तुम्हारा प्यार
तुलसी के घरोंदे पर जैसे।
सुगन्धित हरसिंगार।
हमारा परिवार।
आत्मीयता और संस्कारों का।
सुखद संसार।
(विवाह की 22 वीं वर्षगांठ पर मेरी पत्नी डॉ अर्चना को समर्पित )
मुझे 22 वर्ष बच्चों के जैसे सँभालने के लिए शुक्रिया।
तुम्हारा अपना
सुशील