” मेरी अनोखी मां “
” मेरी अनोखी मां ”
इस धरती पर आते हैं जिस दिन हम सब
मां हमारी पलकें बिछाकर स्वागत करती,
परेशान होने से हमारे हो जाती है परेशान
सर्द गरम बरसात से हमें बचाकर रखती,
जन्म देती हमें एहसान मीनू भुलाए कैसे
आंचल की छांव देकर ममता से दुलारती,
ब्याह का दिन जब आता तो खुश होकर
कलेजे के टुकड़े को हंसकर विदा करती,
नए माहौल का सोचकर घबराहट भी होती
ससुराल में कौन है जो मां के जैसा होता
नया घर मिलता नए सारे रीति रिवाज होते
खुश रहो कहकर राज सब संभाल लेता,
छोटी या बड़ी चाहे कैसी भी परेशानी हो
प्रत्येक समस्या का समाधान खोज लेता,
भला बुरा क्या है मुझे कतई भी फिक्र नहीं
मेरा राज पहले ही सबका हल निकाल लेता,
प्रेरित होती हमेशा आगे बढ़ते रहने के लिए
चाहे कोई परिस्थिति हो मुझे रोने नहीं देता,
तेरे साथ से ही मेरे सपने गगन में लहराए
हर कदम पर साथ देता मेरा ध्यान रखता,
जीत सब मनाते हैं तूने हार में भी संभाला
आज चाहती हूं दिल से तुझे शुक्रिया कहना
कामयाबी का तोहफा तुझसे ही पाया मैंने
तूं सबब मेरी हंसी का हमेशा ही मुस्कुराना,
अनमोल हीरा राज तूं मेरी अनोखी मां है
हमेशा मुझे यूं ही सीने से लगाकर रखना,
इबादत करती हूं खुदा से हमेशा बस एक
हर जन्म में मुझे राज की पत्नी बना देना।