“मेरा हिंदुस्तान”
सोचे सबकी अलग अलग हैं, सबका अपना व्यवहार है ।
फिर भी सब मिलकर हैं रहते , सबको आपस मे प्यार है ।।
जाती धर्म और मजहब चाहे, सबके अलग अलग हो फिर भी।
हम सब भारतवासी है ये अपनी पहचान है ।।
ये तेरा हिन्दुस्तान है, ये मेरा हिन्दुस्तान है ।।
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, मेरे भारत की शान है ।
वैसे ही हर धर्म से सजता, अपना हिंदुस्तान है ।।
हो जाती धर्म का भेद नही, सबसे मानवता का नाता हो ।
प्यार करो जो भी आये, ये वैर नही सिखलाता है ।।
ये तेरा हिन्दुस्तान है , ये मेरा हिन्दुस्तान है ।।
रत्नाकर खुद भारत माँ के, देखो चरण पखारे हैं ।
शीश मुकुट हिमराज हैं साजे, ये भारत की शान है ।।
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई, सब इसकी संतान हैं ।
न तेरा हिन्दुस्तान है , न मेरा हिन्दुस्तान है ।।
ये अपना हिन्दुस्तान है, ये हम सबका हिन्दुस्तान है ।।
अमित गुप्ता
शाहजहाँपुर (उत्तर प्रदेश)