मेरा हर द्वार भर गया
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तुम आ गए!
मुझे मेरी स्वीकृति मिल गयी।
मेरा हर द्वार भर गया।
अब मैं माँगूंगी नहीं,
दूँगी।
मांगो मेरे प्रियतम!
मन दूँ या तन!
शांत है, नीरव नहीं, मन।
श्रांत है, निर्बल नहीं,तन।
तुम्हारे पथ पर प्रेरणा सी
रहूँगी खड़ी।
हर थकान को तुम्हारे
धता बताने अड़ी।
युगों सी लंबी प्यास
बुझाई तुमने।
लबों को मधु सा मधुर
मद्य,पिलाई तुमने।
मुझे मेरा स्वर्ग मिल गया।
मेरा हर सुख आज संवर गया।
मैं तुम्हें दूँगी,प्रेम की परिभाषा।
मांग लाऊँगी प्रभु से
तुम्हारी हर अभिलाषा।
तुम आ गए!
आज मेरा हर द्वार भर गया।
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