मेरा सनम मुझको आज हंसाने आया था
मेरा सनम मुझको आज हंसाने आया था
जिसने मुझको ही बहुत कल रुलाया था
जहाँ में मेरा भी यारों अब नाम हो गया है
फ़कत किसी की मुहब्बत ने यह कराया था
कमजोर नहीं दिवारें हैं मेरे घर की जान लो
बड़ी ही जतन से मैने घर ये बनाया था
माँ की दुआ से ही यार आबाद रहा हरदम
छू ना सका मुझे कोई बुरा जो साया था
उझर गया है आशियाँ किसी की बेवफ़ाई से
कँवल ने प्यार से बड़े ही जिसे सजाया था