** मेरा मन है उदास**
पंजाबी और हिंदी का संगम..इस कविता में है…
अगर किसी को न समझ आये..तो मुझ से पूछ सकता है…
मेरा दिल है उदास , ओ तू आज सोहनेया
में करदी हाँ तेरा इन्तेजार तू आजा सोहनेया
मार के उडारी तू नेड़े मेरे अज आजा सोहनाया
में रज रज करा गी तेरा दीदार ओ मेरे सोहनेया !!
सारी सारी रात मैं रो रो के कटदी हाँ मेरे सोहनेया
गोदी विच सिर अपना छुपा छुपा के में रोंदी सोहनेया
नहीं मेरे दिल नू ओउन्दा कोई वि किसी तरहं दा करार
तदे ते में नहीं पल विच सो पांदी , ओ मेरे सोहनेया !!
किना किना चिर तू मेनू सतायेंगा,की इसी तरह रूलायेंगा
मेरा कलेजा धड्कड़ा है हर वेले की , तू इन्हा मेनू सतएँगा
मेरे रोम रोम च सजदा है हर वेले तेरियन यादान दा अम्बार
तू इक वार नेड़े मेरे , आजा, करले तू फेर में वि दीदार मेरे सोहनेया!!
अजीत तलवार
मेरठ