मेरा भारत
# मेरा भारत
धरा नहीं है देश हमारा,स्वर्ग रही पहचान।
सृष्टि चक्र की केन्द्र भूमि है,भारत वर्ष महान।।
है सनातनी देश हमारा,प्रथम मनुज अवतार ।
आदि देश भारत दुनिया का,बाद जगत विस्तार ।।
स्वयं देवता रहे यहाँ पर,कर मानव का वेश।
मनु शतरूपा की संतानें, फैली धरा विदेश ।।
मानव जीवन को समझाने,यहाँ रहे भगवान ।
देव लोक तक आनाजाना,करते थे इंसान ।।
पुण्य लोक यह देश हमारा,कहते वेद पुरान ।
जो पाता है जन्म यहाँ पर,समझो यह वरदान ।।
लीला केन्द्र रहा ईश्वर का, मेरा प्यारा देश ।
युगों युगों से भक्ति ज्ञान का,भारत ही परिवेश ।
राजेश कौरव सुमित्र