मेरा भगवान तेरा भगवान
मेरा भगवान तेरा भगवान
——————————
भिन्नता क्या है तुझमें मुझमें
अंतर क्या है अपने खून में
मतभेद है तो अपनी सोच में।।1।।
ना तो है वो मेरा भगवान
ना तो है वो तेरा भगवान
एक ही बस अंतर्मन ये जान।।2।।
क्या है रक्खा इस वरीयता में
क्या है सोच के दोगलेपन में
एक ही भाव सबके अंतर्मन में।।3।।
लालसा सबकी उसको पाने की
चाहत उसके करीब जाने की
देरी है तो बस उसे समझने की।।4।।
पूजा करूं या हाथ फेरू मुंह पर
करू मैं छाती पे येशु का क्रॉस
नहीं जाए इससे कोई भगवान के आसपास।।5।।
नहीं बताया किसी भगवान ने
बुरे कर्म से मिलूंगा “मैं”
दोगलेपन की इसी सोच ने
जुदा किया दोनों भगवान में ।।6।।
एक ही इंसा एक ही धरती
एक ही आकाश एक ही पानी
होने सब कुछ एक सा ही है
तेरी मेरी क्यों अलग कहानी।।7।।
मंदार गांगल “मानस”