मेरा प्यार हो तुम
मेरा प्यार हो तुम
तुम ही ने मुझको जीना सिखाया
कठोर हृदय को मोम बनाया,
परिताप होकर खुश रहना सिखाया,
बनकर मेरे जीवन में रहिमाना—-
मेरे हमसफर बनकर,
सूर्य सा प्रकाश फैलाया!!!
पथ में बैठी बाट जोहती,
आओगे मेरे सरताज,राह ताकती??
तुम ही मेरे हृदय के ईश्वर हो—
चलता रहे सिलसिला ,
यूं ही सदियों तक!
जान हे!मेरी रूह में जब तक——–
सुषमा सिंह*उर्मि,,