Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2019 · 1 min read

मेरा देश कितना बदलता जा रहा है।

मेरा देश चुनाव के चक्रव्यूह में फंसता जा रहा है
नेता अपना मतलब साधता
देखिए विकास बेचारा कितना बेबस बनता जा रहा है
धर्म युद्ध प्रारंभ है यहाँ
गीता और कुरान का खून सडकों पर बहता जा रहा है
समस्याओं से पिड़ित जनता
प्रजा का दर्द प्रतिदिन सुरसा के मुंह सा बढ़ता जा रहा है
अपराध से गठबंधन है उनका
जन समुदाय का विश्वास अब न्याय से उठता जा रहा है
भष्ट्राचार में लिप्त प्रतिनिधि
भष्ट्राचार से उन्मूलन का नारा मुखर हो कहता जा रहा है
जनता का विकास ढोंग है
वास्तव में नेताजी का धन और वैभव निखरता जा रहा है
अधिकारों का कानून है केवल
इन्हीं अधिकारों का हनन नेता बखूबी करता जा रहा है
मूर्ख बनाओ अभियान जारी
नेता कहे सर्व शिक्षा अभियान में देश पढ़ता जा रहा है
परिवर्तन ही अटल सत्य है
इसी कारण देखो ना आदित्य मेरा देश कितना बदलता जा रहा है

पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग.

Language: Hindi
1 Like · 244 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"नव प्रवर्तन"
Dr. Kishan tandon kranti
Let’s use the barter system.
Let’s use the barter system.
पूर्वार्थ
मैं तो महज पहचान हूँ
मैं तो महज पहचान हूँ
VINOD CHAUHAN
*जीवन में तुकबंदी का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
*जीवन में तुकबंदी का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
* जिन्दगी की राह *
* जिन्दगी की राह *
surenderpal vaidya
क़ाफ़िया तुकांत -आर
क़ाफ़िया तुकांत -आर
Yogmaya Sharma
सम्मान
सम्मान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
‌everytime I see you I get the adrenaline rush of romance an
‌everytime I see you I get the adrenaline rush of romance an
Sukoon
हार को तिरस्कार ना करें
हार को तिरस्कार ना करें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
Lokesh Sharma
मन रे क्यों तू तड़पे इतना, कोई जान ना पायो रे
मन रे क्यों तू तड़पे इतना, कोई जान ना पायो रे
Anand Kumar
भूतल अम्बर अम्बु में, सदा आपका वास।🙏
भूतल अम्बर अम्बु में, सदा आपका वास।🙏
संजीव शुक्ल 'सचिन'
सुकर्मों से मिलती है
सुकर्मों से मिलती है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शव शरीर
शव शरीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*फल*
*फल*
Dushyant Kumar
चाटुकारिता
चाटुकारिता
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सपनो में देखूं तुम्हें तो
सपनो में देखूं तुम्हें तो
Aditya Prakash
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
जो कुछ भी है आज है,
जो कुछ भी है आज है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
!! उमंग !!
!! उमंग !!
Akash Yadav
खुशनसीब
खुशनसीब
Naushaba Suriya
वक्त
वक्त
Madhavi Srivastava
आज के दौर
आज के दौर
$úDhÁ MãÚ₹Yá
दोस्ती
दोस्ती
Kanchan Alok Malu
■
■ "हेल" में जाएं या "वेल" में। उनकी मर्ज़ी।।
*प्रणय प्रभात*
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
Manisha Manjari
24/233. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/233. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अनुगामी
अनुगामी
Davina Amar Thakral
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
Sarfaraz Ahmed Aasee
मौन
मौन
निकेश कुमार ठाकुर
Loading...