– मेरा दिल है दरिया के समान –
– मेरा दिल है दरिया के समान –
कितनी वेदनाए कितने कष्ट मेरा दिल है झेल रहा,
कितने अपने कितने पराए मेरे दिल से है खेल रहे,
कितने संकट कितनी पीड़ाएं मेरा दिल है सहन कर रहा,
कितने घाव बिना हथियार के झेल रहा,
तलवार के घावों का क्या वो तो एक दिन भर जाएंगे,
शब्दो के घाव नही भरते यह घाव मेरा दिल झेल रहा,
शब्द भेदी बाण का प्रहार मेरा दिल है झेल रहा,
कितने धोखे ,कितने छल , कपट मेरा दिल सहन कर रहा,
इतनी पीड़ा के बाद जब अपने हो गए पराए है,
इन परायो को अपनो में फिर भी क्यों है जोड़ रहा,
मेरा दिल है भरत दरिया के समान गहलोत कितने कष्ट है झेल रहा,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –