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20 Feb 2022 · 1 min read

मेरा तो रिश्ता था

मेरा तो रिश्ता था
वर्तमान में
पेड़ पर लगे पत्तों से
यह पत्ते जो
पतझड़ आने से पूर्व ही शायद
पेड़ से अलग होकर
टूटकर गिरेंगे और
इनके स्थान पर जो नये पत्ते
उगेंगे
मुझे उन नये पत्तों से क्या
वास्ता
दिखने में चाहे दोनों पत्ते
एक जैसे थे लेकिन
जो जाने वाला था
उसके साथ समझ लेना कि
मैं भी कहीं चली गई
दिखने में आ रही हूं बेशक
अभी पर
मैं खुद से दूर
उनके साथ कहीं किसी
अदृश्य पथ की दूरगामी यात्रा पर
निकल गई
आने वालों के साथ अब मैं नहीं
आने वाली
कोई कितना भी समझाये कि
समय के साथ समझौता करना
चाहिए लेकिन
प्यार की जो भावना उनके प्रति
पल रही थी मेरे मन में
उनके चले जाने से
प्यार में न कोई कमी
न प्यार करने वाले
दिल और आत्मा को मैं बदलने वाली।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
183 Views
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