मेरा खयाल ना मिलता है।
मैँ जानकारी रखता नहीं कि यह जमाना मुझे क्या समझता है।
किस किस को देखूं हर किसी से मेरा खयाल ना मिलता है।।1।।
कोई सुना दो उसको अच्छे से किस्सा फ़िरौन की दास्तान-ए-बर्बादी का।
मग़रूर है बड़ा वह बंदा खुद की ही जात को खुदा समझता है।।2।।
हर किसी भी चीज का होता है एक दायरा इस दुनियां में लोगों।
रास्ते सारे बंद हो जाएंगे हिदायत के जब कहरे ईलाही पड़ता है।।3।।
मेरे महबूब तुझे क्या हुआ है जो आज इतना मुस्कुरा रहा है।
ऐसा होता है तभी जब दिल के सेहरा में जमाने बाद इश्क़ बरसता है।।4।।
यह इश्क़ है गुलफ़ाम ज़िन्दगी में होता नही इतना आसान।
अपने दिल-ए-यार की चाहत में दीवाना कुछ भी कर गुजरता है।।5।।
हर चीज है बाज़ार में बिकने के लिए इन्सानों की दुनियां में।
एक माँ के ही रिश्ते की मोहब्वत का कोई भी बाज़ार ना लगता है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ