Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

मेरा केंद्रीय विद्यालय

तमसो मां ज्योतिगमय से होती हमारे दिन की शुरुवात है।
क्युकी यहां विद्या की देवी का निवास है
केवी से हम और हमसे केवी की पहचान है
अच्छा हमारा सबसे व्यवहार है
क्युकी यही तो हमारे केवी के संस्कार है
यह छोटी छोटी इकाई से लेकर
जीवन का सार सिखाया जाता है
शिक्षक से यह कोई डरता नहीं है
क्युकी केवी हमे उनकी इज़्जत करना सीखता है
दोस्तों का यह साथ है मिलता
मिलता शिक्षको का आशीर्वाद है
सिर्फ एक जगह नही बल्कि पूरे विश्व में गूंजता सिर्फ केवी का नाम है
यह सिर्फ एक विद्यालय नहीं है
यहां हर एक से बनता पूरा परिवार है ।
और यही हमारे केवी का व्यवहार है ।

– Prachi Verma

Language: Hindi
1 Like · 63 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कीमती
कीमती
Naushaba Suriya
रिश्तों में वक्त नहीं है
रिश्तों में वक्त नहीं है
पूर्वार्थ
हमें अलग हो जाना चाहिए
हमें अलग हो जाना चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
बिन शादी के रह कर, संत-फकीरा कहा सुखी हो पायें।
बिन शादी के रह कर, संत-फकीरा कहा सुखी हो पायें।
Anil chobisa
🙅कर्नाटक डायरी🙅
🙅कर्नाटक डायरी🙅
*प्रणय प्रभात*
चेहरे की शिकन देख कर लग रहा है तुम्हारी,,,
चेहरे की शिकन देख कर लग रहा है तुम्हारी,,,
शेखर सिंह
*संवेदनाओं का अन्तर्घट*
*संवेदनाओं का अन्तर्घट*
Manishi Sinha
तो शीला प्यार का मिल जाता
तो शीला प्यार का मिल जाता
Basant Bhagawan Roy
गीत गाने आयेंगे
गीत गाने आयेंगे
इंजी. संजय श्रीवास्तव
क्रोधी सदा भूत में जीता
क्रोधी सदा भूत में जीता
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
फासलों से
फासलों से
Dr fauzia Naseem shad
किये वादे सभी टूटे नज़र कैसे मिलाऊँ मैं
किये वादे सभी टूटे नज़र कैसे मिलाऊँ मैं
आर.एस. 'प्रीतम'
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
तुम रूबरू भी
तुम रूबरू भी
हिमांशु Kulshrestha
माईया गोहराऊँ
माईया गोहराऊँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्यार का पंचनामा
प्यार का पंचनामा
Dr Parveen Thakur
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
सर-ए-बाजार पीते हो...
सर-ए-बाजार पीते हो...
आकाश महेशपुरी
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
इंसान इंसानियत को निगल गया है
इंसान इंसानियत को निगल गया है
Bhupendra Rawat
प्रेम का अंधा उड़ान✍️✍️
प्रेम का अंधा उड़ान✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)*
*जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)*
Ravi Prakash
डर
डर
Neeraj Agarwal
आसान होते संवाद मेरे,
आसान होते संवाद मेरे,
Swara Kumari arya
"दूसरा मौका"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...