– मेरा एक तरफा प्यार –
मेरा एक तरफा प्यार
// दिनेश एल० “जैहिंद”
देखकर उसकी सुंदरता
बढ़ गई मेरी भावुकता
फिर तो मैं पगला गया
जाने कैसे हड़बड़ा गया
वो तो मुझको भा गई
वो मेरे दिल पे छा गई
उसपे मेरा दिल आ गया
उसका चेहरा सुहा गया
कैसे अब मैं प्रस्ताव रखूँ
रात-दिन अब यही सोचूँ
पत्र लिखकर या बताऊँ
उसका नंबर खोज लाऊँ
या देखूँ जब उसे अकेले
हाय कैसे दिल के झमेले
“आय लव यू” बोल जाऊँ
मनपसंद दुल्हनिया पाऊँ
कह दूँ दिल की बतिया मैं
फिर धड़काऊँ छतिया मैं
बन जाऊँ मैं बाँका बलमा
हो जाए वो मेरी प्रियतमा
फिर तो झूमूँ, नाचूँ, गाऊँ
चहुँ ओर खूब शोर मचाऊँ
आसमान भी छूकर आऊँ
हर दिन मैं खुशियाँ मनाऊँ
वेलेंटाइन का था इंतजार
उस दिन करूँ मैं इजहार
वो दिवस भी जब आया
मेरा चेहरा तब मुस्कुराया
ले गुलाब हाथों में मैं तो
पीछा करूँ राहों में मैं तो
मित्र हँसे देख मेरी मूर्खता
धुन का पक्का मैं अलबत्ता
ले गुलाब हाथ आगे आया
मैं नहीं तनिक भी घबराया
नहीं जरा भी मैं हकलाया
और ना मित्रो मैं शरमाया
मैंने कहा आय लव यू बेबी
उसने झट थप्पड़ ही जड़दी
प्यार को मेरे बताया फर्जी
उसने तो बस हद ही करदी
कस के मारा मुझको चाटा
कहा न रख तू मुझसे नाता
मेरी मर्जी तो बस मेरी गर्जी
मालूम नहीं अल्ला की मर्जी
मैं था उसके प्यार का मारा
न मिला उसका मुझे सहारा
था मेरा तो एक तरफा प्यार
उसने किया मुझको इनकार
मैं क्या करता भला बेचारा
हार न मानूँ मैं सुन ले यारा
मुझको था बस उससे प्यार
अगली बार करूँगा इजहार
चतुर बड़ी है ये पतली नार
कभी न कभी तो बनेगी यार
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दिनेश एल० “जैहिंद”
30. 03. 2019