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19 Mar 2024 · 1 min read

मेरा अभिमान

उसकी एक हंसी से बगिया की
सारी क्यारी खिल गयी
आज हमारे उदासी घर को
ढेर सी खुशियां मिल गयी

दिए जलाओ ख़ुशी मनाओ
फूलों का झूला तैयार करो
लक्ष्मी चल कर घर है आई
मिलकर उसका सत्कार करो

जिसके कर्म बड़े अच्छे हो
बड़े पुण्य के काम किए
कर्म फल उनको है मिलता
कन्या का अवतार लिए

जिसके घर में बेटी जन्मी,
वो घर स्वर्ग बन जाता है
माँ बाप का पूरा जीवन
तभी सफल हो जाता है

पुत्र पिता का वंश चलाता
बेटी प्रथा चलाती है
मान बढ़ाती सदा पिता का
औरों का धन कहलाती है

वो जागे तो सूरज चमके
वो सोए तो रात है
आन पिता का घटना बढ़ना
सब उसके ही हाथ है

उसके घर में ना होने से
जग सुना हो जाता है
चाहे भीड़ बरी हो घर में
बीहड़ सा हो जाता है

दूर बहुत हो चाहे तन से
मन साथ ही रहती है
बेटा चाहे छोड़ भी जाए
पर बेटी साथ निभाती है

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