मेरा अक्स तो आब है।
मेरी नियत पे शक ना कर।
मेरा नफ्स तो साफ है।।1।।
तेरे फालतू के वस वसे है।
मेरा अक्स तो आब है।।2।।
मैं पीने का आदी नहीं हूं।
आज दिल ये बेताब है।।3।।
अपने हाथों से मिला दे।
पुरानी मस्त शराब है।।4।।
चेहरे की तेरे क्या बात है।
तेरा हुस्न लाज़वाब है।।5।।
कोई कैसे रखे काबू खुदपे।
हूरों जैसा तेरा शबाब है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ