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24 Jul 2018 · 1 min read

मृदुल मधुर अहसास

सकल जहाँ स्वर लय में वंदन , मृदुल मधुर अहसास l
पकड़ हाथ हम चलें साथ प्रिय , रचें नवल इतिहास ll
छवि मंथन मन्मथ मन मोहे , उमगि जलधि अनुराग l
कुसुमित कंचन कलश प्रेम रस, जस अरविन्द तड़ाग ll

राज किशोर मिश्र ‘ राज ‘ प्रतापगढ़ी

Language: Hindi
192 Views
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