मृत्यु ही एक सच
खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
होगा एक शाम रौशन भी एक दिन,
तब होगा शमशान जसन भी एक दिन,
पंचताव में विलीन होगा नश्वर शारीर एक दिन।
कुछ एक आशू, कुछ एक आखों में होगा,
रात के आंचल में हर सितारा भी रोशन होगा ,
कुछ सपना टूटने का सन्नाटा भी होगा,
एक जीवन का परिचय का अंत भी होगा ।
बीता वक्त फिर कभी वापस नहीं आया,
हर अच्छा और बुरा अनुभव देता गाय ।
हर किसको समझ नही पाए,
हर किसको को समझा नही पाए
मृत्यु ही एक सच………