Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2022 · 1 min read

मुहावरे_गोलमाल_नामा

सीधे रस्ते की यह टेडी ही चाल है
गोलमाल है भई सब गोलमाल है !!

क्यूँकि आँख का तारा ही/जहाँ आँख दिखाए,
कमाल खोटा सिक्का भी/आँखो में बस जाए;
गोलमाल है भई,सब गोलमाल है !!

देखो खुशामदी टट्टू/कैसी खिचड़ी पकाये,
गुदड़ी के लाल का भी/ खूँटा गढ़ जाए;
गोलमाल है भई,सब गोलमाल है !!

गुरुघंटाल भी देखो/कैसे गाल बजाये,
वो देखो गौ का यार /कैसे गले पड़ जाए;
गोलमाल है भई,सब गोलमाल है !!

देखो घनचक्कर कैसा/घपले में पड़ जाए,
चक्कर में फँसे तो/चम्पत भी हो जाए;
गोलमाल है भई ,सब गोलमाल है !!

चूना लगाने वाला/ही चिल पौं मचाये,
बना छुपा रुस्तम/घूमे छाती फुलाये;
गोलमाल है भई, सब गोलमाल है !!

ढपोरशंख बिन काज/ढिंढोरा पिटवाये,
मुँह मियाँ मिट्ठू बनकर /नौ दो ग्यारह हो जाए;
गोलमाल है भई ,सब गोलमाल है !!

पाँव धोकर पिए जो /अपनी खाल उधड़वाये,
पैंतरे बिछाने वाला अपनी पीठ थपथपाये;
गोलमाल है भई सब गोलमाल है !!
©anitasharma

4 Likes · 252 Views

You may also like these posts

गुरु
गुरु
R D Jangra
23/186.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/186.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*Eternal Puzzle*
*Eternal Puzzle*
Poonam Matia
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
।। समीक्षा ।।
।। समीक्षा ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
इसीलिए तो कहता हूं, संवेदनाएं जिंदा रखो।
इसीलिए तो कहता हूं, संवेदनाएं जिंदा रखो।
नेताम आर सी
"पवित्र पौधा"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
Kailash singh
शिक्षा ही जीवन है
शिक्षा ही जीवन है
SHAMA PARVEEN
*इस बरस*
*इस बरस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कहो कैसे वहाँ हो तुम
कहो कैसे वहाँ हो तुम
gurudeenverma198
#लापरवाही और सजगता का महत्व
#लापरवाही और सजगता का महत्व
Radheshyam Khatik
विषय-माँ।
विषय-माँ।
Priya princess panwar
नारी वेदना के स्वर
नारी वेदना के स्वर
Shyam Sundar Subramanian
सत्यमेव जयते
सत्यमेव जयते
Ghanshyam Poddar
विकृती
विकृती
Mukund Patil
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
लक्की सिंह चौहान
उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता
उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता
अंसार एटवी
बचपन याद आ रहा
बचपन याद आ रहा
Sandeep Kumar
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके  ठाट।
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके ठाट।
गुमनाम 'बाबा'
मुक्तक...छंद पद्मावती
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
चुल्लू भर पानी में
चुल्लू भर पानी में
Satish Srijan
एहसासों को अपने अल्फ़ाज़ देना ।
एहसासों को अपने अल्फ़ाज़ देना ।
Dr fauzia Naseem shad
...........!
...........!
शेखर सिंह
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कब करोगे जीवन का प्रारंभ???
कब करोगे जीवन का प्रारंभ???
Sonam Puneet Dubey
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे  जिससे हर य
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे जिससे हर य
RAMESH Kumar
क्या खूब दिन थे
क्या खूब दिन थे
Pratibha Pandey
#तेवरी- *(देसी ग़ज़ल)*
#तेवरी- *(देसी ग़ज़ल)*
*प्रणय*
आरक्षण: एक समीक्षात्मक लेख
आरक्षण: एक समीक्षात्मक लेख
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...