Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2016 · 1 min read

मुहब्बत

मुहब्बत

मुहब्बत ही जीत में जंग है
मुहब्बत ही सबके संग है
मुहब्बत से हो न सकूँ फना
मुहब्बत बसी हर अंग है

मुहब्बत में बेहाल हो गया
मुहब्बत में बेकार हो गया
चढ़ा है जो इश्क का भूत
मुहब्बत में बेगार हो गया

मुहब्बत ही उठता ज्वार है
मुहब्बत ही दिल का बयार है
न मिल पाये हर किसी को तो
नसीबों की ही विकट मार है

मुहब्बत का बाजार सजा है
खयावों का आगार लगा है
मिली है जिसको मुस्कराया
न मिलती वो लाचार पड़ा है

मुहब्बत की तस्वीर देखी है
सँवारी हुई तकदीर देखी है
चली आये जब सामने मेरे
सजाई हुई तस्दीक देखी है

तस्दीक –सच्चाई , सत्यता

Language: Hindi
73 Likes · 423 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
मेरे स्वप्न में आकर खिलखिलाया न करो
मेरे स्वप्न में आकर खिलखिलाया न करो
Akash Agam
वर्तमान का सोशल मीडिया अच्छे अच्छे लोगो को बाजारू बना दिया ह
वर्तमान का सोशल मीडिया अच्छे अच्छे लोगो को बाजारू बना दिया ह
Rj Anand Prajapati
जागता हूँ क्यों ऐसे मैं रातभर
जागता हूँ क्यों ऐसे मैं रातभर
gurudeenverma198
पृथक- पृथक चूल्हे हुए,
पृथक- पृथक चूल्हे हुए,
sushil sarna
सपने देखने का हक हैं मुझे,
सपने देखने का हक हैं मुझे,
Manisha Wandhare
4330.*पूर्णिका*
4330.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*माँ जगत जननी*
*माँ जगत जननी*
Vedkanti bhaskar
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
दरवाजा खुला छोड़ा था की खुशियां आए ,खुशियां आई भी और साथ में
दरवाजा खुला छोड़ा था की खुशियां आए ,खुशियां आई भी और साथ में
Ashwini sharma
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
आजकल रिश्तें और मक्कारी एक ही नाम है।
आजकल रिश्तें और मक्कारी एक ही नाम है।
Priya princess panwar
काव्य भावना
काव्य भावना
Shyam Sundar Subramanian
*जी रहें हैँ जिंदगी किस्तों में*
*जी रहें हैँ जिंदगी किस्तों में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"राहों की बाधाओं से ,
Neeraj kumar Soni
यशस्वी भव
यशस्वी भव
मनोज कर्ण
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
Kshma Urmila
प्रकाश परब
प्रकाश परब
Acharya Rama Nand Mandal
"बेशक़ मिले न दमड़ी।
*प्रणय*
अन्नदाता
अन्नदाता
Akash Yadav
नारी
नारी
Dr.Pratibha Prakash
कहने की कोई बात नहीं है
कहने की कोई बात नहीं है
Suryakant Dwivedi
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
Sanjay ' शून्य'
तुमने सोचा तो होगा,
तुमने सोचा तो होगा,
Rituraj shivem verma
" राहें "
Dr. Kishan tandon kranti
पिया - मिलन
पिया - मिलन
Kanchan Khanna
*किसी कार्य में हाथ लगाना (हास्य व्यंग्य)*
*किसी कार्य में हाथ लगाना (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
मै अकेला न था राह था साथ मे
मै अकेला न था राह था साथ मे
Vindhya Prakash Mishra
जिंदगी से निकल जाने वाले
जिंदगी से निकल जाने वाले
हिमांशु Kulshrestha
Loading...