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20 Jun 2018 · 1 min read

मुहब्बत का हमने जाम ले लिया ………….

मुहब्बत का हमने जाम ले लिया ,
जुदाई इबादत का दाम ले लिया !!

वो खुश है अकेले हो हमसे जुदा ,
तो हमने भी आखरी सलाम ले लिया !!

फरेबी मुहब्बत में वादाखिलाफी,
न जानो कोई इंतकाम ले लिया !!

कही हो न जाए रुसवा मुहब्बत,
अगर हमने उनका नाम ले लिया !!

चैन है गवाया कर उनसे मुहब्बत ,
जागती रातो का पैगाम ले लिया !!

निले आसमां में नदारत है बादल ,
यहा किसने अपना काम ले लिया !!

जी रहा हैं शशी आज भी मुस्कुराकर,
न जाने क्यों ऐसा अंजाम ले लिया !!
——————–//**–
✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी – ९९७५९९५४५०

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