मुहब्बत आज भी ‘चेहरों’ से शुरू होती है !
किसी ने कितना करीब
कहा है-
कितना अजीब है,
दिलों की बात करता है
जमाना;
पर मुहब्बत आज भी,
चेहरों से शुरू होती है !
प्रेम में भावों,
संवेदनाओं
और साँसों का
निवेश जरूरी है !
किसी ने कितना करीब
कहा है-
कितना अजीब है,
दिलों की बात करता है
जमाना;
पर मुहब्बत आज भी,
चेहरों से शुरू होती है !
प्रेम में भावों,
संवेदनाओं
और साँसों का
निवेश जरूरी है !