— मुस्कुरा कर तो देखो —
वक्त वो शायद याद होगा
जब तस्वीर खींचता था
फोटग्राफर और कहता था
जरा मुस्कुराईये
इंसान मुस्कुराता था
फिर तस्वीर देख इतराता था
उस पल को याद रखता था
जिस पल वो पल कैद करवाता था
जब एक पल के
मुस्कुरा देने से, तस्वीर
हसीन आ सकती है, तो फिर
जीवन भर क्यूं नही मुस्कराते हो
चेहरे पर होगी मुस्कान तो
खुद को खुशनुमा पाओगे
चलते फिरते आता जाते
दुनिया के लिए आईडियल बन जाओगे
अजीत कुमार तलवार
मेरठ