शब्द
शब्दों को चाहिए
कि दिल के जीनों पर चुपचाप चले
और होठों के गलीचों में,
मुस्कुरा कर बिखर जाए।
मैने देखा है
बेरुखी के अल्फाजों को,
लंबी ख़ामोशी का शबब बनते हुए।
शब्दों को चाहिए
कि दिल के जीनों पर चुपचाप चले
और होठों के गलीचों में,
मुस्कुरा कर बिखर जाए।
मैने देखा है
बेरुखी के अल्फाजों को,
लंबी ख़ामोशी का शबब बनते हुए।