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5 Oct 2021 · 1 min read

मुस्कुराहट

..तुम नहीं जानती तुम्हारी मदिर मुस्कुराहट में दिनभर सब हरा भरा दिखता है जैसे सुबह की सैर में वो वासंती नर्म हवा का स्पर्श।अनायास मन होता है कि शाम को घर की देहरी पर छिपकर तुम आंखे बिछाएं खड़ी हो मेरी ज़रा-सी आहट पाते ही दौड़कर गीले हाथों को तौलिए से पोंछते हुए दरवाजा खोलो और मुस्कुराकर पूछो चाय बनाऊं ना?..।
मनोज शर्मा

Language: Hindi
Tag: लेख
232 Views
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