मुस्कुराहट
दमे-रुख़सती थे जो नाशाद मुस्कुराहट
सफ़र में रहे मुझे हर इक याद मुस्कुराहट
लबों पर लगा दोगे पहरे तो लेकिन
न रोके रुकेंगे ये आज़ाद मुस्कुराहट
सितमगर करेगा सितम बे-ख़ता पर
करेंगे खुद से ही फ़रियाद मुस्कुराहट
सुख जाएँगे आंखों से मज़लूम की जब
सितमगर को कर देगी बर्बाद मुस्कुराहट
है महका हुआ दिल ज़ख़्मे-गुलिस्तां सरबसर
युहीं नहीं सदा इसको रखते आबाद मुस्कुराहट
जिसे सबसे छुपाए बैठे थे क़्लब में दफना
हुवैदा कर रहे हैं वही रु रूदाद मुस्कुराहट
दफनाया हूँ किसी के हिज्र में रंज ओ अश्क़ कुनु
फूजूल में कहाँ दस्तियाब इस्तिदाद मुस्कुराहट