मुस्कुराना सीख लिया !|
मुस्कुराना सीख लिया !|
ज़िंदगी है तो मुश्किलें हैं,
मुश्किलों से हमने लड़ना सीख लिया !
मंजिल पाना है तो कंटीले रास्ते हैं,
कांटों को काटकर हमने बढ़ना सीख लिया !
इच्छाएं हैं तो निरंतर संघर्ष है,
बेकार इच्छाओं को हमने छोड़ना सीख लिया !
सुख है तो दुःख का अंधेरा भी है,
अंधेरे को चीरकर हमने टिमटिमाना सीख लिया !
कभी हार हो तो असहनीय दर्द है अहमद’
दर्द को छुपाकर हमने मुस्कुराना सीख लिया !