मुस्कुराता सा ख्वाब
तू एक मुस्कुराता सा ख्वाब बन जा
मेरी कलम से लिखी कोई पवित्र किताब बन जा
जीवन के सफर में, कंधे पर जो रखा जाए सत्य का वो हाथ बन जा
तू एक मुस्कुराता सा….
तेरे लिए महल नहीं बनाऊंगा मैं
आसमा से तोड़कर चांद तारे नहीं लाऊंगा मैं
वादा नहीं करता हां में हां मिलाने का
पर हर सही बात पर तेरा साथ निभाऊंगा मैं
Akash Rc Sharma ✍️©️