मुसीबत को आमंत्रण
देगा मुसीबत को आमंत्रण
जो कर रहे है हम
जानते है सबकुछ फिर भी
ये कर रहे है हम।।
अभी यहीं है, गया नहीं है वो
क्यों बेफिक्र हो गए है हम
एक गलती की फिराक में है वो
और बेताब है देने को गम।।
अपना नहीं तो अपनो का तो
तुम थोड़ा ख्याल करो
ऐसे भीड़ में बिना मास्क ही
तुम मत जाया करो।।
जिसको रोज़ी रोटी कमानी है
चलो उसका तो ठीक है
लेकिन बिना बात के ही घूमना
बाहर अभी क्या ठीक है।।
घर में है जो छोटे बच्चे और बूढ़े
उनको तो सुरक्षित रखो
उनकी खातिर ही सही अभी तो
थोड़ा और सब्र रखो।।
बाद में रोने से अभी सावधानी
रखना होता है बेहतर
पता नहीं चलता यहां कब हो जाते
ये हालात बद से बद्तर।।
इतना जो सब्र किया है हमने
और थोड़ा सा कर लें
मास्क पहनने और उचित दूरी
का पालन हम कर लें।।
सावधानी से हरा सकते है
अदृश्य दुश्मन को
टीके से बढा सकते है हम
प्रतिरोधक क्षमता को।।
है यही हथियार हमारे अब
लड़ना है हमें हिम्मत से
जब तक खत्म नहीं हुआ ये
काम लेना है समझदारी से।।