Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2019 · 1 min read

मुसाफिर

मुसाफिर

मुसाफिर हूँ मैं
जन्‍म से लेकर
आज तक हूँ
सफर में
सफर आरंभ में था
बड़ा सुहाना
ज्यों-ज्यों बढ़ा आगे
आए अनेक
गति अवरोधक
लगे कितने हिचकोले
जैसे-तैसे
पूरा कर चुका हूँ
सफर का उत्तरार्ध
बाकी सफर
तय करने के लिए हूँ
कृत संकल्प
करूंगा सामना
बाकी के
गति अवरोधों का
मैं हूँ तैयार
बाकी के
हिचकोले खाने को
करूंगा सहर्ष पूरा
जीवन का सफर
मुसाफिर हूँ
पहुँचुंगा मंजिल पर
अवश्‍य

-विनोद सिल्‍ला@

Language: Hindi
243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहे : प्रभात वंदना हेतु
दोहे : प्रभात वंदना हेतु
आर.एस. 'प्रीतम'
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
कवि रमेशराज
राम काज में निरत निरंतर
राम काज में निरत निरंतर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"बेहतर है चुप रहें"
Dr. Kishan tandon kranti
अकेलापन
अकेलापन
लक्ष्मी सिंह
तुम सत्य हो
तुम सत्य हो
Dr.Pratibha Prakash
हम भी तो देखे
हम भी तो देखे
हिमांशु Kulshrestha
पहले साहब परेशान थे कि हिन्दू खतरे मे है
पहले साहब परेशान थे कि हिन्दू खतरे मे है
शेखर सिंह
जीवन के सारे सुख से मैं वंचित हूँ,
जीवन के सारे सुख से मैं वंचित हूँ,
Shweta Soni
"राखी के धागे"
Ekta chitrangini
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
2517.पूर्णिका
2517.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
कवि दीपक बवेजा
आस्था होने लगी अंधी है
आस्था होने लगी अंधी है
पूर्वार्थ
श्री राम
श्री राम
Kavita Chouhan
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
अनारकली भी मिले और तख़्त भी,
अनारकली भी मिले और तख़्त भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरा हाल कैसे किसी को बताउगा, हर महीने रोटी घर बदल बदल कर खा
मेरा हाल कैसे किसी को बताउगा, हर महीने रोटी घर बदल बदल कर खा
Anil chobisa
घर वापसी
घर वापसी
Aman Sinha
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक उड़ान, साइबेरिया टू भारत (कविता)
एक उड़ान, साइबेरिया टू भारत (कविता)
Mohan Pandey
वाह रे मेरे समाज
वाह रे मेरे समाज
Dr Manju Saini
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*Author प्रणय प्रभात*
There are few moments,
There are few moments,
Sakshi Tripathi
मिलेगा हमको क्या तुमसे, प्यार अगर हम करें
मिलेगा हमको क्या तुमसे, प्यार अगर हम करें
gurudeenverma198
जिसे तुम ढूंढती हो
जिसे तुम ढूंढती हो
Basant Bhagawan Roy
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दूषित न कर वसुंधरा को
दूषित न कर वसुंधरा को
goutam shaw
जीवन में
जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
Loading...