Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2017 · 1 min read

मुलायम परि’वार’

एक तरफ अखिलेश, एक तरफ शिवपाल हैं,
नेताजी के लिए विकट संकट का ये काल है,
आरोप पुत्र-मोह का, तो भ्रातृ प्रेम का सवाल है,
समाजवादियों के लिए परिवार का बवाल है,
सूबे के मुख्यमंत्री का मानो कठपुतली सा हाल है,
साफ छवि भी काट रही मानो अपनों के गाल हैं,
कौन है विभीषण कुनबे का, ये आज भी सवाल है,
कोई कहता इसके पीछे ठाकुर जी दलाल हैं,
कोई कहता साधना जी की कैकयी सी ये चाल है,
कोई कहता इसके पीछे भाजपा का कमाल है,
कोई कहता खुद सपा का ये प्रायोजित बवाल है,
कोई कहता कौएद के विलय से बिगड़े हाल हैं,
कोई कहता टीपू, औरेंगजेब जैसे शब्द चाल हैं,
कोई कहता चचा-भतीजे के अहं का सवाल है,
कोई कहता इसके पीछे अपने ही रामगोपाल हैं,
कोई कहता ये सारा फसाद लूट का ही माल है,
कुछ भी हो जबाब लेकिन कुर्सी का सवाल है,
मोदी-माया जी के लिए ये मौका बेमिशाल है,
कहे ‘राहल’ छवि अखिलेश की भुनाने का साल है,
मिटा दो दूरियाँ अपनों की, चुनावी नया साल है।

Language: Hindi
420 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
■ शर्म भी शर्माएगी इस बेशर्मी पर।
■ शर्म भी शर्माएगी इस बेशर्मी पर।
*Author प्रणय प्रभात*
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
" माटी की कहानी"
Pushpraj Anant
जीने की राह
जीने की राह
Madhavi Srivastava
*बहन और भाई के रिश्ते, का अभिनंदन राखी है (मुक्तक)*
*बहन और भाई के रिश्ते, का अभिनंदन राखी है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
अर्जुन धुरंधर न सही ...एकलव्य तो बनना सीख लें ..मौन आखिर कब
अर्जुन धुरंधर न सही ...एकलव्य तो बनना सीख लें ..मौन आखिर कब
DrLakshman Jha Parimal
नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं।
नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं।
Manisha Manjari
हादसे पैदा कर
हादसे पैदा कर
Shekhar Chandra Mitra
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*शहर की जिंदगी*
*शहर की जिंदगी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मणिपुर कौन बचाए..??
मणिपुर कौन बचाए..??
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दुआ किसी को अगर देती है
दुआ किसी को अगर देती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जब  भी  तू  मेरे  दरमियाँ  आती  है
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
Bhupendra Rawat
देखना हमको
देखना हमको
Dr fauzia Naseem shad
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
विकास
विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
February 14th – a Black Day etched in our collective memory,
February 14th – a Black Day etched in our collective memory,
पूर्वार्थ
विचार और भाव-2
विचार और भाव-2
कवि रमेशराज
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र"
Dr Meenu Poonia
भीख
भीख
Mukesh Kumar Sonkar
शाखों के रूप सा हम बिखर जाएंगे
शाखों के रूप सा हम बिखर जाएंगे
कवि दीपक बवेजा
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
लक्ष्मी सिंह
*रिश्ते*
*रिश्ते*
Dushyant Kumar
“मां बनी मम्मी”
“मां बनी मम्मी”
पंकज कुमार कर्ण
2301.पूर्णिका
2301.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अवधी मुक्तक
अवधी मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
परोपकार
परोपकार
Neeraj Agarwal
महायज्ञ।
महायज्ञ।
Acharya Rama Nand Mandal
Loading...