मुलाकात
आज पता है, मैंने अपनेआप से,
मुलाक़ात की l
खुद को जाना नहीं,
दुनियां को समझने चली मै l
खुद को संभाला नहीं,
दुनियां को पकड़ने चली मै l
खुद को दुलार किया नहीं,
दुनियां को प्यार करने चली मै l
खुद को संस्कार दिए नहीं,
दुनियां को संस्कार देने चली मै l
खुद में खुदा बैठा है,
संसार में खोजने चली मै l
✍शीमा