Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2022 · 2 min read

मुर्गा बेचारा…

मुर्गा बेचारा
~~°~~°~~°
मुर्गा बेचारा,
देशी प्रजाति का,
मस्त और इन्द्रधनुषी रंगों से सराबोर,
ऊपर में बदलाव का लाल टोपी पहने हुए,
सबके दिलों का प्यारा,
सुबह-सुबह बांग देने में,
कोई कसर नहीं रखता।
उठो मुसाफिर, जगो मुसाफिर के,
अंतर्नाद से,
सभी जनों को चौकन्ना रखता।
मनुष्य की हर गतिविधि को,
बारीकी से परखता।
लेकिन नववर्ष की पूर्व बेला में,
कुछ दिन पूर्व से ही,
अजीब हरकतें करने लगा था वह,
शायद नववर्ष की तैयारी के लिए,
होने वाले चहलकदमियों से,
आशंकित था वो,
अब वह दाना डालने पर भी,
आंगन में नहीं आता,
सुबह की कुकड़ू-कु की आवाज से भी,
लोगों को नहीं जगाता।
सुबह-सुबह बांग देता भी क्यों भला,
अब उसे इंसानों के प्रति,
दास्ताँ-ए-मोहब्बत जुबां पर,
आ ही नहीं रही थी ।
दिन भर और रात को भी,
आंगन किनारे,
अमरूद की पेड़ पर बैठा रहता,
और लोगों द्वारा पीछा करते ही,
उड़कर दूसरे पेड़ पर चला जाता,
वो सहमा था इसलिए कि,
नववर्ष बीत तो जाए,
तो फिर उसके बाद से,
जीवनचर्या को सही कर लूंगा।
लेकिन उसका पालनहार भी,
नववर्ष की खुशी के लिए
उसके नर्म गोस्त से,
अपनी जिह्वा को आनंदित करने के लिए,
सब दाव पेंच आजमा रहा था।
पुराने वर्ष के अंतिम तिथि को,
एक साथ चार जनों ने साथ मिलकर,
लंबे जद्दोजहद के बाद,
उस मुर्गे को कैद किया,
फिर नववर्ष पर मुर्ग-मुस्सलम में,
तब्दील हुआ था वह।
क्योंकि था तो,
वह मुर्गा बेचारा,
नववर्ष का मारा।
अब सभी जन,
पूरे नये साल सोते रहो,
क्योंकि जगाने वाला तो,
गया काम से ।
क्योंकि आज के युग में,
जिसने भी दूनियां को,
जगाने का काम किया है,
उसका यही हाल हुआ है।

(सच्ची घटना पर आधारित)

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ०१ /०१/ २०२२
कृष्ण पक्ष, त्रयोदशी , शनिवार
विक्रम संवत २०७८
मोबाइल न. – 8757227201

Language: Hindi
9 Likes · 4 Comments · 1097 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
दोस्ती का रिश्ता
दोस्ती का रिश्ता
विजय कुमार अग्रवाल
गवाही देंगे
गवाही देंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Bundeli doha-fadali
Bundeli doha-fadali
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*मदमस्त है मौसम हवा में, फागुनी उत्कर्ष है (मुक्तक)*
*मदमस्त है मौसम हवा में, फागुनी उत्कर्ष है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल _ खुशी में खुश भी रहो ,और कामना भी करो।
ग़ज़ल _ खुशी में खुश भी रहो ,और कामना भी करो।
Neelofar Khan
“हिन्दी का सम्मान”
“हिन्दी का सम्मान”
Neeraj kumar Soni
मेरे लिए
मेरे लिए
Shweta Soni
दिल से पूछो
दिल से पूछो
Surinder blackpen
महाकवि विद्यापति आ महारानी लखिमा देवी: प्रेम प्रसंग!
महाकवि विद्यापति आ महारानी लखिमा देवी: प्रेम प्रसंग!
Acharya Rama Nand Mandal
दिवाली है दीपों का पर्व ,
दिवाली है दीपों का पर्व ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोई भी जीत आपको तभी प्राप्त होती है जब आपके मस्तिष्क शरीर और
कोई भी जीत आपको तभी प्राप्त होती है जब आपके मस्तिष्क शरीर और
Rj Anand Prajapati
लोग समझते थे यही
लोग समझते थे यही
VINOD CHAUHAN
विश्वेश्वर महादेव
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
एक शाम उसके नाम
एक शाम उसके नाम
Neeraj Agarwal
'ਸਾਜਿਸ਼'
'ਸਾਜਿਸ਼'
विनोद सिल्ला
"जुदा ही ना होते"
Ajit Kumar "Karn"
एक दिन उसने यूं ही
एक दिन उसने यूं ही
Rachana
S666 là một trong những nhà cái nổi tiếng tại Việt Nam, chuy
S666 là một trong những nhà cái nổi tiếng tại Việt Nam, chuy
S666 S666HN.COM Nhà Cái Hàng Đầu Khu Vực Châu Á 2024
पर स्त्री को मातृशक्ति के रूप में देखना हनुमत दृष्टि है, हर
पर स्त्री को मातृशक्ति के रूप में देखना हनुमत दृष्टि है, हर
Sanjay ' शून्य'
स्वयं पर नियंत्रण रखना
स्वयं पर नियंत्रण रखना
Sonam Puneet Dubey
'न पूछो'
'न पूछो'
Rashmi Sanjay
आप हो न
आप हो न
Dr fauzia Naseem shad
वो मुझे पास लाना नही चाहता
वो मुझे पास लाना नही चाहता
कृष्णकांत गुर्जर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
#हास्यप्रद_जिज्ञासा
#हास्यप्रद_जिज्ञासा
*प्रणय*
"बिन गुरु के"
Dr. Kishan tandon kranti
3700.💐 *पूर्णिका* 💐
3700.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सफलता
सफलता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सर्वप्रथम पिया से रंग
सर्वप्रथम पिया से रंग
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मोहब्बत एक अरसे से जो मैंने तुमसे की
मोहब्बत एक अरसे से जो मैंने तुमसे की
Ankita Patel
Loading...