मुमकिन नहीँ है अब हम तुमको भूल जाएँ
मुमकिन नहीँ है अब हम
तुमको भूल जाएँ
आँखोँ मेँ बस गई है
साथी तुम्हारी सूरत
मुझको रुला रही है
तेरे साथ की जरूरत
आओ एक साथ हम तुम
उल्फत के गीत गाएँ
मुमकिन नहीँ है अब हम
तुमको भूल जाएँ
मुझको यकीँ है पूरा तुम
इनकार न करोगे
मेरे सिवा किसी से
हाँ ,प्यार न करोगे
चाहे ये दुनिया तुम पर
लाखोँ सितम ढाए
मुमकिन नहीँ है अब हम
तुमको भूल जाएँ