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17 Apr 2020 · 1 min read

मुबारक़ हो मुझकों वो शब

मुबारक़ हो मुझकों वो शब
जब ख्वाबों में तुम पैगाम लेकर आई थी
हाथ थाम लिया किसी और का
बस मुझे अगाह कराने आई थी

मैंने भी बुन लिए थे,ख़्वाब
तुम्हारे संग कुछ क्षण बिताने के
कुतर दिए वो तुमनें
बस एक बात बताने में

तुम्हारे इस फ़ैसले ने
तक़दीर बदल दी थी
अब तुम रानी थी किसी और कि
ये बात मैंने भी समझ ली थी

मेरे जैसा न कोई तेरा दीवाना था
तू बहता नीर मैं उसका परवाना था
तुझे बस इतना बताना था
तू जैसे गुज़रा अफ़साना था

भूपेंद्र रावत
9।04।2020

Language: Hindi
1 Like · 344 Views

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