मुबारक हो तुमको मोहब्बत तुम्हारी
मुबारक हो तुमको मोहब्बत तुम्हारी
मुबारक हो तुमको खुशियाँ तुम्हारी
कट जाएगी जिन्दगी यादों के सहारे
विरासत हैं मेरी यादें हमारी तुम्हारी
किस्सा है बन गई तेरी मेरी मोहब्बत
तुम थाती उसकी जो चाहत तुम्हारी
छू ना पाए कोई गम ये दुआ है मेरी
जियो तुम जिन्दगी खुशियाँ तुम्हारी
वज्रपात ए गम तुमने बेवफाई दिया
सह लेंगें गम संग मधुर याद तुम्हारी
धड़काया दिल मेरा धड़कता रहेगा
बिछता रहेगा सदैव राहों में तुम्हारी
भूल कर भी तुमको भूला ना पाएंगे
ख्वाबों में नित याद आती है तुम्हारी
प्रेम पीड़ा एहसास तुम क्या जानो
जानोगे जब मोहब्बत टूटेगी तुम्हारी
प्यार में चोट खाकर जीना मुश्किल
तुम्हारे बिना ना जान निकले हमारी
लाल मैंहंदी लाल जोड़ा हो मुबारक
हमें मिली मोहब्बत निशानी तुम्हारी
अब बस यही अंतिम तमन्ना हमारी
कफन पर हो लाल चुनरिया तुम्हारी
मुबारक हो तुमको मोहब्बत तुम्हारी
मुबारक हो तुमको खुशियाँ तुम्हारी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत