मुफ़्तखोरी
मुफ़्त राशन, मुफ़्त बिजली,
मुफ़्त यातायात, मुफ़्त रुपये
और तमाम तरीके की
चीज़ों को
मुफ़्त बाँटने की
घोषणा करता हुआ नेता
जनता को समझता है — भिखमंगा ।
और जनता
इन मुफ़्त की वस्तुओं के लिए
अपना नेता चुनकर
ये बात साबित भी कर देती है
कि वाक़ई में
हम कितने बड़े भिखमंगे हैं ।
जिन्हें ना अपने देश का ख्याल है
ना अपने पर्यावरण का
ना अपने विकास का
ना अपने समाज को आगे बढ़ाने का,
उन्हें तो बस
इस बात से संतुष्टि है,कि —
हमें बिना किसी मेहनत के
मुफ़्त की भीख मिल गई ।
— सूर्या