*मुनिया सोई (बाल कविता)*
मुनिया सोई (बाल कविता)
सोते-सोते उठ जाती है
जल्दी फिर कब सो पाती है
गोदी में ले उसे घुमाते
मम्मी-पापा थक-थक जाते
बड़ी देर में मुनिया सोई
उठकर फिर से मुनिया रोई
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451