मुनासिब समझा।
उनके जख्म देखकर हम दर्द में तड़पते रहे
मगर…
हमारे जख़्मों पर उन्होंने मुस्कुराना ही मुनासिब समझा।
– मानसी पाल ‘मन्सू’
उनके जख्म देखकर हम दर्द में तड़पते रहे
मगर…
हमारे जख़्मों पर उन्होंने मुस्कुराना ही मुनासिब समझा।
– मानसी पाल ‘मन्सू’