“मुदत्तो बाद फिर वही बरसात हुआ करती है।”
तेरे बिन अधूरे हम और विरान सी रात हुआ करती है,
मुदत्तो बाद फिर वही बरसात हुआ करती है।
हवा का झोंका तन को छू तेरी याद दिलाया करती है,
मुदत्तो बाद फिर वही बरसात हुआ करती है।
पर आज आशिया खाली और सुनसान हुआ करती है,
मुदत्तो बाद फिर वही बरसात हुआ करती है।
चिड़िया आज भी डाली पर गीत सुनाया करती है,
मुदत्तो बाद फिर वही बरसात हुआ करती है।
आज भी तेरी वो मुस्कान दिल पर दस्तक दिया करती है,
मुदत्तो बाद फिर वही बरसात हुआ करती है।
आज भी जिन्दगी गुल से गुलजार हुआ करती है,
मुदत्तो बाद फिर वही बरसात हुआ करती है।
तेरे बिन आज भी मेरे होठों पे झूठी मुस्कान हुआ करती है,
मुदत्तो बाद फिर वही बरसात हुआ करती है।