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21 Feb 2022 · 1 min read

मुठ्ठी भर रिश्तों

मुठ्ठी भर रिश्तों में से भी जब
कोई रिश्ता फिसलता है !!!
बड़ी कोशिश के बाद भी जब
वो हमसे नही संभलता है !!!
तो खुदा का फ़ैसला समझ कर
हम समझौता कर लेते है !!!
बेमन माला में से एक मोती
और कम कर देते है !!!
वैसे भी जाने वाले को,
कौन रोक पाया है ?
समय सब बता देता है,
कौन अपना कौन पराया है!
खून पतला हो चला,
एहसास फीके पड़ गए !
मतलब की दुनिया में,
हम हर किसी से लड़ गए!
जब कोई नहीं समझा हमे,
हम बुरे थे बुरे ही रह गए!
जो कहते थे जानते है हमको,
वो भी बुरा भला कह गए !!!

दीपाली कालरा

Language: Hindi
1 Like · 150 Views
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