“मुझे वो इन्सान चाहिए”
मुझे वो इन्सान चाहिए,
जो बारिश में मेरे आंसू पहचान ले।
मेरी मुस्कान के पीछे छुपी,
मेरी तकलीफ़ को जान ले।
बरसों से दबी ख्वाहिशों,
को पूरा कर दे।
मेरी कटी पखों में भी ,
उड़ान भर दे।
जो मुझे इक नजर देख ले,
तो मेरा हाल जान ले।
मुझे वो इन्सान चाहिए,
जो बारिश में मेरे आंसू पहचान ले।
मेरी गलती को गुनहा ना बनाए।
मुझे अपने सिने से लगाकर समझा आए।
कहने से पहले मेरे ,
जज़्बात जान ले।
मुझे वो इन्सान चाहिए,
जो बारिश में मेरे आंसू पहचान ले।