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12 Oct 2024 · 1 min read

मुझे लगता था किसी रिश्ते को निभाने के लिए

मुझे लगता था किसी रिश्ते को निभाने के लिए
उसे नाम देने की ज़रूरत नहीं होती

पर आज जब तुम्हारी ज़रूरत होते हुए भी
तुम्हे बुला ना सका अपने पास तो समझ आया
हर रिश्ते को एक नाम देना ज़रूरी हैं

ताकि थके हुए आंसुओं से भीगे हुए चेहरे को
जब चाहिए हो तुम्हारा कंधा तो तुम्हें हक से पुकारा जा सके जिसे समाज और लोगो का डर ना हो 😔

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