मुझे लगता था किसी रिश्ते को निभाने के लिए
मुझे लगता था किसी रिश्ते को निभाने के लिए
उसे नाम देने की ज़रूरत नहीं होती
पर आज जब तुम्हारी ज़रूरत होते हुए भी
तुम्हे बुला ना सका अपने पास तो समझ आया
हर रिश्ते को एक नाम देना ज़रूरी हैं
ताकि थके हुए आंसुओं से भीगे हुए चेहरे को
जब चाहिए हो तुम्हारा कंधा तो तुम्हें हक से पुकारा जा सके जिसे समाज और लोगो का डर ना हो 😔