मुझे मेरी हदों में रहने दो
मुझे मेरी हदों में रहने दो
उस परिधि से बाहर निकली तो
मैं बिखर जाऊंगी
बिखर जाऊंगी तो
मैं निखर जाऊंगी
निखर जाऊंगी तो
मैं खिल जाऊंगी
खिल जाऊंगी तो मैं
किसी के दिल से मिल जाऊंगी
मिल जाऊंगी तो
उसके रंग में घुल जाऊंगी
घुल जाऊंगी तो
मैं अपने अस्तित्व का दामन
छोड़ते हुए
पूरी तौर से बदल जाऊंगी
बदल जाऊंगी तो
मैं मैं न रहूंगी
इसीलिये मैं यह बात
बार-बार कहती हूं और दोहराती हूं कि
मुझे मेरी हदों में रहने दो
मैं जैसी हूं
मुझे वैसा ही रहने दो
मुझे बदलने की कोशिश मत करो
मैं अपनी मौज में बहता
एक दरिया हूं
मुझे मेरे रास्ते पर बहने दो
उसे काटकर एक नया रास्ता
बनाने की कोशिश मत करो
मेरा रास्ता मत बदलो
मुझे मेरी यात्रा से भटकाने का
प्रयास कदापि मत करो।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001