मुझे नहीं है हारना!
अब मुझे नहीं है हारना !
अपनी दुनिया डूब चुकी अब,
अब रुकना नहीं है मुझको,
आँसुओं से खूब भीग चुकी हूंँ,
लुटा दी है शान और शौकत,
अंदर से अब टूट चुकी हूंँ ,
बोझ नहीं अब बनाना मुझको,
खुद से अब मैं रूठ चुकी हूंँ ,
भय नहीं इस जमाने से अब ,
खुद को मैं अब जीत चुकी हूंँ ,
संकल्प लिया है जीतूँगी अब ,
जीना अब मैं सीख चुकी हूंँ ।