मुझे चाहिए एक दिल
मुझे चाहिए दिल एक ऐसा,जो पर पीड़ा पर पिघल सके।
प्रेम और करुणा भरा दिल, जो सत् पथ पर निकल सके।।
परिवार माने सारी दुनिया को, और सभी से प्यार करे।
जाति पंथ मजहब से पहले, मानवता से प्यार करे।। मुझे चाहिए
मुझे चाहिए एक ऐसा दिल,जो दिल को दिल से मिला सके।
हिंसा द़ेष मिटाए जग से,पाठ प़ेम का पढ़ा सके।।
एक है ईश्वर सभी दिलों का,दिल में अपने दिखा सके।। मुझे…
कौन है हिन्दू, कौन है मुस्लिम, कौन सिक्ख ईसाई हैं।
एक ही मात पिता के बेटे,दिल से माने हम भाई हैं।
भाई भाई सा प़ेम करे ,सारे भेदों को मिटा सके।
नफ़रत की तोड़े दीवारें, प़ेम की गंगा बहा सके।। मुझे
सब तो हैं एक रब के बनाए,सब ही तो इंसान हैं।
हर एक दिल में जान है रब की,सब में तो भगवान है।।
सारी दुनिया के लोगों को,उस रब की हकीकत बता सके।
दिल में जलाए प़ेम की शम्मा, प्यार का रास्ता दिखा सके।।
चाहिए एक इंसान समर्पित,जो इंसानियत को बचा सके।
मुझे चाहिए इंसान एक ऐसा, साथ सभी का निभा सके।।
मुझे चाहिए दिल एक ऐसा,जो इंसानियत निभा सके।।
चाहिए एक बड़ा दिल ऐसा,जो सबको दिल में बिठा सके।
मुझे चाहिए एक ऐसा दिल,जो पर पीड़ा से पिघल सके।।
चलता रहे अनवरत पथ पर,कभी रुके न कभी थके।
प्रेम और करुणा भरा दिल,जो पर पीड़ा पर पिघल सके।। मुझे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी