Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2024 · 1 min read

मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,

मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
नींद में हैं ख़लल करने लगे ।

वही बात जो बताना नहीं चाहता ,
उसी की तरफ़दारी नयन करने लगे ।

जो छिपाया बहुत ज़माने से था ,
उसकी चुग़ली ये करने लगे ।।

डा राजीव “सागरी”

44 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Rajeev Jain
View all
You may also like:
कम्बखत वक्त
कम्बखत वक्त
Aman Sinha
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
रिश्ता और ज़िद्द दोनों में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है, इसलिए ज
रिश्ता और ज़िद्द दोनों में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है, इसलिए ज
Anand Kumar
****बहता मन****
****बहता मन****
Kavita Chouhan
दीवानों की चाल है
दीवानों की चाल है
Pratibha Pandey
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
Anis Shah
शायरी
शायरी
Sandeep Thakur
" कठपुतली "
Dr. Kishan tandon kranti
जलजला, जलजला, जलजला आयेगा
जलजला, जलजला, जलजला आयेगा
gurudeenverma198
मुश्किल है जिंदगी में ख्वाबों का ठहर जाना,
मुश्किल है जिंदगी में ख्वाबों का ठहर जाना,
Phool gufran
#कालजयी_पात्र
#कालजयी_पात्र
*प्रणय प्रभात*
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
शेखर सिंह
कितनी हीं बार
कितनी हीं बार
Shweta Soni
उधार का ज्ञान - रविकेश झा
उधार का ज्ञान - रविकेश झा
Ravikesh Jha
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये बता दे तू किधर जाएंगे।
ये बता दे तू किधर जाएंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
3379⚘ *पूर्णिका* ⚘
3379⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
तालाश
तालाश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बांध रखा हूं खुद को,
बांध रखा हूं खुद को,
Shubham Pandey (S P)
पल्लवित प्रेम
पल्लवित प्रेम
Er.Navaneet R Shandily
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दुनिया की गाथा
दुनिया की गाथा
Anamika Tiwari 'annpurna '
आशा
आशा
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हिन्दी
हिन्दी
Dr.Pratibha Prakash
जालोर के वीर वीरमदेव
जालोर के वीर वीरमदेव
Shankar N aanjna
आलता-महावर
आलता-महावर
Pakhi Jain
अधर्म का उत्पात
अधर्म का उत्पात
Dr. Harvinder Singh Bakshi
*जलते दीपक कह रहे, हम में भरा प्रकाश (कुंडलिया)*
*जलते दीपक कह रहे, हम में भरा प्रकाश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हो अंधकार कितना भी, पर ये अँधेरा अनंत नहीं
हो अंधकार कितना भी, पर ये अँधेरा अनंत नहीं
पूर्वार्थ
Loading...