अब क्या करे?
कुछ बारिशो की बुंदो मे इश्क़ उसका बरसा है क्या करे,
पर ये सच है कि पिछले 9 साल से इश्क़ मेरा एक तरफा है क्या करे।
अपनी मोहबत की हर कसौटी पार की है हमने अब क्या करे,
अपना हर कुछ वार कर उसकी आँखों मे नफरत देखी है क्या करे।
इश्क़ सिखाया नही किसी ने, पर इश्क़ की सारी हदें पार की क्या करे,
इतना कुछ करने के बाद भी प्यार नही पा पाए हम क्या करे।
मोहबत को इबादत समझा, रोजाना उसकी इबादत की अब क्या करे,
खुद को जलील करके उसके लिए मिन्नते मांगी अब क्या करे।
सांसो का जो रिश्ता जुड़ा था, दूर होने पर रिश्ता टूटा हम क्या करे,
घुटन मे घुट रही है जिंदगी, सांस नही आ रही हम क्या करे।
मेरी सलामती की दुआ उसे हर बार लगी, उसकी बद्दुआ हमे लग रही हम क्या करे,
खुदा आप जानते है हम दोनो के दरमियाँ क्या है, अब आप ही मेरी रहमती की दुआ करे।
और मक़्ता देखियेगा कि
एक सलाह मेरी मान लो मधुयंका, अपने इश्क़ को खुद से जुदा करे,
और जिस खुदा ने रहमती बख़्शी है आपको, उस खुदा को आप खुदा करे।