मुझे इन मेमनों को कसाई कहना है
मुझे इन मेमनों को कसाई कहना है
और जल्लादों को सिपाही कहना है
लगाई है ऐसी बंदिश जेहन पर मेरे
मुझे अपने क़ातिलों को भाई कहना है
जो है वो कह दूं तो बल्बा हो जाएगा
मुझे कुडे के ढेर को सफाई कहना है
पर्वतों से ऊँची है इंसानों की शोहरत
मुझे चिथड़े कम्बल को रजाई कहना है
न काफिया है न रदीफ शेर में तनहा
मगर मुझे तुकबंदी को रुबाई कहना है